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आज से 25 शेयरों की खरीद बिक्री पर उसी दिन सेटलमेंट


बीएसई ने जारी की शेयरों की सूची, वैकल्पिक होगी व्यवस्था

शेयर बाजारों मे

बृहस्पतिवार से टी0 सेटलमेंट का नियम लागू होने जा रहा है। बाजार नियामक सेबी की ओर से पेश किया यह नियम शुरुआत में 25 शेयरों पर लागू होगा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने इन शेयरों की सूची जारी कर दी है। टी+0 सेटलमेंट का मतलब है कि आप जिस दिन शेयरों की खरीद-बिक्री करेंगे, सेटलमेंट भी उसी दिन हो जाएगा। यह वैकल्पिक व्यवस्था सीमित संख्या में ब्रोकरों के लिए उपलब्ध होगी। बाकी के शेयरों पर टी+1 नियम लागू रहेगा। नए ढांचे के तहत वे सभी निवेशक टी+0 निपटान चक्र में भाग लेने के पात्र होंगे, जो बाजार बुनियादी ढांचा संस्थानों की ओर से निर्धारित समयसीमा, प्रक्रिया और जोखिम आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं। टी+0 सेटलमेंट अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है। इसमें शेयरों की खरीद-बिक्री का समय सुबह 9.15 बजे से दोपहर 1.30 बजे के बीच होगा। इस पर भी वही निगरानी उपाय लागू होंगे, जो टी+1 निपटान

चक्र में शेयरों पर प्रभावी होते हैं। एजेंसी

सेंसेक्स 526 अंक चढ़ा, निफ्टी 22,100 पार

बैंक, वाहन व पेट्रोलियम शेयरों में लिवाली से बुधवार को शेयर बाजारों में तेजी लौटी। सेंसेक्स 526.01 अंक चढ़कर 72,996.31 पर बंद हुआ। निफ्टी 118.95 अंक उछलकर 22, 123.65 पर बंद हुआ।

■ सूचीबद्ध कंपनियों की पूंजी 1.07 लाख करोड
बढ़कर 383.64 लाख करोड़ पहुंच गई। सेंसेक्स
की 30 में 19 कंपनियों के शेयर बढ़त में बंद।

रिलायंस की बाजार पूंजी फिर 20 लाख करोड़ पार 

 रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 3.60 फीसदी चढ़ गए। इससे कंपनी की बाजार पूंजी फिर 20 लाख करोड़ के पार पहुंच गई।

इन 25 शेयरों पर टी+0 सेटलमेंट नियम लागू

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने टी० सेटलमेंट बीटा वर्जन के लिए 25 शेयरों की सूची जारी की है। इनमें अंबुजा सीमेंट्स, अशोक लीलैंड, बजाज ऑटो, बैंक ऑफ बड़ौदा, बीपीसीएल, बिरलासॉफ्ट, सिप्ला, कोफोर्ज, डिविस लेबोरेटरीज, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, इंडियन होटल्स कंपनी, जेएसडब्ल्यू स्टील, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, एलटीआई माइंडट्री, एमआरएफ, नेस्ले इंडिया, एनएमडीसी, ओएनजीसी, पेट्रोनेट एलएनजी, संवर्धना मदरसन इंटरनेशनल, एसबीआई, टाटा कम्युनिकेशंस, ट्रेंट लि. और यूनियन बैंक।

■ मजबूत होगा जोखिम प्रबंधन

टी+० सेटलमेंट के जरिये समग्र प्रतिभूति बाजार तंत्र में जोखिम प्रबंधन मजबूत होगा। निवेशकों के लिए लागत, समय दक्षता और शुल्क में पारदर्शिता आएगी।


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