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चंद्रयान-3 लैंडिंग स्थल शिवशक्ति को वैश्विक मान्यता


भारत के चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के जिस स्थान पर साफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा था, उस स्थान को पूरी दुनिया अब 'शिव शक्ति स्थल' कहेगी। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (आइएयू) ने इसके लिए मान्यता दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 अगस्त को घोषणा की थी जिस जगह पर चंद्रयान -3 की साफ्ट लैं¨डग हुई उसे 'शिव शक्ति' स्थल कहा जाएगा

भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश

विक्रम लैंडर के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया। बेंगलुरु: भारत ने बुधवार को शाम के 6 बजकर 4 मिनट पर इतिहास रच दिया। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग' के बाद भारत वहां पहुंच गया है जहां पहले कोई देश नहीं पहुंचा है।

खतरनाक है चांद का दक्षिणी ध्रुव

कितना ख़तरनाक है चांद का दक्षिणी ध्रुव
वहीं, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कई ज्वालामुखी हैं और यहां की ज़मीन बेहद ऊबड़-खाबड़ है. चंद्रयान-3 ने चांद की सतह की जो ताज़ा तस्वीरें भेजी हैं, उनमें भी गहरे गड्ढे और उबड़-खाबड़ ज़मीन नज़र आ रही है|

विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर ऐतिहासिक लैंडिंग पिछले साल 23 अगस्त को की थी। इसके तीन दिन

बाद पीएम मोदी ने बंगलुरू में इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क में 'शिव शक्ति' नाम का एलान किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि शिव में

मानवता के कल्याण का संकल्प है और शक्ति हमें उन संकल्पों को पूरा करने की ताकत देती है। चंद्रमा का यह शिव शक्ति पॉइंट हिमालय से

कन्याकुमारी तक जुड़ाव का अहसास कराता है। इसके अलावा उन्होंने 23 अगस्त को 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' के रूप में घोषित किया था। ब्यूरो

3 मिशन के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा कि जिस हिस्से को छुआ था, उसे अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (आईएयू) ने आधिकारिक तौर पर शिवशक्ति नाम दे दिया है। 

सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लैंडिंग स्थल को शिवशक्ति के नाम से पहचान दी थी। इस घोषणा के लगभग सात महीने बाद आईएयू ने यह मंजूरी दी है। 

चंद्रयान-3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मिशन था। आईएयू की ओर से शिव शक्ति पॉइंट को मंजूरी 19 मार्च को दी गई।

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